जानसे ज्यादा प्यारी सलमा….

भोत दिनोसे कोशिश कररा था तुमकु लेटर भेजनेकी. मगर ये चिठ्ठी चपाटीके मामलेमें मैं पयलेसे जरा ढील्लाच हूं. कालेजके टाईममेंभी येच हुआ. आईन टाईममें वो भरारी पथक वालोने एन्ट्री मारी और सब चिठ्ठ्या लेके गये मेरी. बारावी लटक गई. उसमेसे दो चारबी काप्या रहरी तो मैं क्या का क्या कर डालता.

मगर बारावी फेल होनेके बाद बापने पान टपरी डालके दी और तबसे मैं सुपाऱ्या रगडते बैठा हूं. मगर बीच बीचमें प्युअर खिमामके जैसी तुम्हारी याद आती और दिल भेहेल जाता. फिर मैं बनारस पानकु कत्था लगाते लगाते सोचते बैठता तुम होती तो कैसा होता? मगर तुम्हारे बापकू मंजूर नहीं था.

बाते तो ऐसी करता था की तुम्हारे लिये रितिक रोशनीच ढूंढके लाइंगा. और लाया कोन? इरफान. कहां रितिक रोशन और कहां ये सरकारी रेशन. क्या तो बोले इरफान वकील हैं. अरे उसकू कोई चाय नहीं देता जल्दी और केस कौन दिंगा भला? कुछभी बाता करते. जानदो. अब होगया सो होगया. लेकीन तुम इरफानपे बराबर ध्यान रखना.

तुम्हारा दादा मरगया तब मायके आई थी तुम दो हप्ते पहले. दो चार गल्ल्या पिछुच रह्केभी इत्ते दिनो बाद आती तुम. कुछ टेन्शन हुंगा तो बोलना. दादाजीके टाईम भोत जादाच रोरी थी तुम. मेरेकू देखके कैसा कैसाच होरा था. अब वो बिचारे गये भी गप करके. तुम्हारे बापकु बोले पान लेके आओ. तुम्हारा बाप मेरे पास आया. बोला अब्बूका पान दो. मैने एकदम बढीया पान बनाया. कत्री शुपेरी खतम हो गयी थी तो फटाफट कतरके डाल दी. तुम्हारे अब्बू बोले छुट्टा नहीं हैं तो मैने बोला बादमें दे दो. वो पान लेके गये तो तुम्हारे दादाजीने  टाटा टाटा बाय बाय बोल दिया था तबतक. पानभी वेस्ट हो गया. पैसाभी मिला नहीं. अब ऐसे टाईमपे पैसा मांगनाभी अच्छा नहीं लगता. मगर पिछले हप्ते तुम्हारे भाईसे धइ लेके आया तो गीनके पैसे लिये मेरेसे. और एक बतानेकी रह गई. आजकल तुम्हारी दुकानपे धईभी पहले जैसा नहीं मिलता. भाईकु बोलो. तो मैं क्या बोलरा था की? हां. तो घरपे आना जाना रखो. एखाद बार देख लिया तो उत्ताच दिलकू सकून मिलता.

सलमा तुम्हारी भोत याद आती. जबभी मसाला पानमें चेरी डालता तो तुम याद आती. तुमकु बचपनसे पसंद हैं ना चेरी. अब वो इरफानकु क्या मालूम? रोज आता मेरे पास पान खानेकू. तुम बोलीथी उन्नो शुपेरीभी नही खाते. अरे मैं मेरे हाथसे कच्ची पक्की मिक्स शुपेरी देता रोज पानमे. फिरभी हावला डीब्बेमें हाथ डालके दो चार टुकडे उठाताच. सब फुकट होना उसकू. तमाकूवाला पान खाता वो. तुमकु तो यकीनीच नहीं होता मेरी बातोपे. अरे मैने कित्ती बार देखा उसकू शराब पिते हुये. बारमेंभी नहीं बैठता वो कंजूस. वाईन शापके भारीच काटर मारता. पुरी काटरमें सिरीफ दोच पेग बनाता और गपदिशी पी लेता. और चने सेंग वालेकी उधारी देता नही. एकसोबीस रुपये बाकी हैं. मेरेकू क्या करनेका? मगर तुमकु मालूम होना इसलिये बोलरा. एक नंबर बावली खदान हैं वो इरफान. एक दिन उसकू बोला आरे ऐसी गपागप काटर मत मारते जा. लिव्हर फटके हातमे आईंगा. उससे अच्छा बिअर पिते जा. तो बोलतो बिअर पिया तो कैसाकीच होता. उलटी जैसा होता. अब क्या बोलना ऐसे द्लिंदरकु?

सलमा कभी कभी भोत गुस्सा आता तुम्हारा. क्या कमी थी मेरेमे? क्या तो बोले तुम्हारी पानटपरीवालेसे शादी करूंगी क्या? अरे रोजका हजार रूपेका गल्ला हैं मेरा. सौ लोग इज्जतसे बात करते रोज. बडी बडी गाड्या रुकती पानके वास्ते. भोत लोग बोलते अब्दुल एक टाईम बिवीके हाथका खाना नहीं खाइंगे मगर तुम्हारे हाथ का पान चाहिये रोज. और वो इरफानका क्या? कोट पहनके खडा रहता कोर्टके भार. लोगोके पीछे घुमता. बॉंड बनाव बोले. क्याच देखा हुंगा उसमे तुम्हारे बापने? बाते बडी बडी करता इरफान. बोलबच्चन हैं सिरीफ. तुम जरा उसका मोबाईल चेक करती रहना. भोत chatting करता कत्ते.

मर्दकी जातपे भरोसा मत करना सलमा. कुछ कुछ लोगा तो गर्लफ्रेंड का नाम जिओ, व्होडाफोन ऐसा सेव्ह करते. उनकी औरता सोचती व्होडाफोनका फोन रहीनगा. ध्यान नहीं देती. तुम ध्याने देती जाव. और अपने अम्मीसे मिलने आती जाव. दादीकाभी भरोसा नहीं तुम्हारे. कब टाटा बाय बाय करिंगी बोल नहीं सकते. तुम्हारे बापकु मैं भोत निकम्मा लगता था. कोरोनाके टाईममें समझा उसकू के अब्दुल कितनी काम की चीज हैं. अरे इत्ती बडी बडी बाता करते और मास्क नहीं मिलरे थे उनकू. मैं लाके दिया.

तुम्हारा भाई positive आया तो बेड नहीं मिलरा था दो दिन. मैं जाके डाक्टरकु बोला. मेरी पैचान थी इसलिये दो चार सलाईन ज्यादा चढा दिये डाक्टरने. मेरी हेल्प देखके तुम्हारे बापके आंखोमें आंसू आ गये. इधर सलाईनसे दवा टपक रही थी. उधर तुम्हारे बापके आंसू. सच्ची बोलता उनकू पछ्तावा होरा था मेरेकू दामाद नहीं बनाया इसका. खैर जानदो.

मैंने लेटर नहीं लिखा था आजतक. लेकीन आज लिखरा. क्योंकी इरफानकु मैं बोला भाभीको मसाला पान लेके जाव कभी. तो बोला व्हेलेंटाईनके दिन लेके जाता. तो फिर पानकु मैने लेटरमें पेक किया. उम्मीद हैं तुमकुही पान दिंगा वो हावला. तुम्हारे लिये चेरी जादा डालकर दी है. दिल दिया था. तुमको मिला नहीं. कम से कम पान मिल जाये. बस. तुम्हारी जिंदगीमें रंग भरनेके सपने देख रहा था. कमसेकम होठ रंग दूं. मुझे पता हैं तुम हमेशा अपने बाप का नाम आगे करती थी. सच्चीमें तो तुम्हेही मैं पसंद नहीं था. मगर मैं आजतक तुम्हारे बापकुच गाल्या देता. तुमकु गाल्या नहीं दे सकता ना. इसलिये.

व्हेलेंटाईन मुबारक हो. नाम नहीं लीखुंगा. लेटरसे ज्यादा मेहनत पान बनानेमें लगाई हैं. थुक दोगी तो बुरा लगेगा. निगल लेना. जवाब मत देना. बस खुश रहना. उत्ताही काफी है.

                              तुम्हारा

1 Comment
  1. Swapnip says

    Nice

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